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संदेश

हमने देखा

 पल भर में हमने किस्मत को बदलते देखा।    कल तक खुशियों से आबाद                                        थी जिसकी दुनिया, आज उसकी दुनियां को हमने उजड़ते देखा।        पल भर में हमने किस्मत को                                       बदलते देखा।।            कल तक जो सुहागन थी,                                                                       उसकी मांग का सिंदूर                                  हमने बिखरते देखा।   पल भर में हमने किस्मत को बदलते देखा।। ...

वक्त

कहते हैं कि वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता बदलता रहता है, कभी अच्छा तो कभी बुरा वक्त सबका आता है। ऐसे ही हुआ था मि. सिंह के साथ जो बुरे वक्त की मार झेल रहे थे। मि. सिंह का दर्द किसी से छुपा हुआ नहीं था। मि. सिंह जो कभी एक बड़ी जायदाद और बड़ी हवेली के मालिक हुआ करते थे, आज अपनी 75 वर्षीय बूढ़ी मां के साथ किराए के घर में रहने को मजबूर थे। ये उनका बुरा वक्त ही तो था कि जो खुद कभी दूसरों का न्याय किया करते थे आज वो खुद न्याय के लिए दर बदर भटक रहे थे। आज सुबह ही मि. सिंह के पड़ोसी और मित्र शर्मा जी ने उनसे कहा था कि अपनी नई जिलाधिकारी जी बहुत दयालु और न्यायप्रिय है एक बार उनके पास जाकर मिल लो वो आपकी मदद जरूर करेंगी। शर्मा जी की बात मानकर न्याय की आस लगाए मि. सिंह जिलाधिकारी जी से मिलने के लिए घर से निकले.... आज भी वो दिन कोई नहीं भूला होगा जब मि. सिंह के घर बेटे का जन्म हुआ था। उनकी हवेली में खुशियां ही खुशियां थी, इस अवसर पर उन्होंने बहुत बड़ी दावत दी थी, गरीबों को बहुत सा दान भी दिया था, और अपनी खुशी और प्यार जाहिर करने के लिए उपहार स्वरूप अपनी आधी जायदाद अपने बेटे के नाम पर कर दी। मि. सिं...

नारी शक्ति

सफर (किराये के घर से बृद्धाश्रम तक)

                                                                                      बृद्धाश्रम  का वो कमरा जिसमें 8-10 बेड पड़े हुए थे, हर बेड के पास कुछ समान भी रखा हुआ था और कुछ बुजुर्ग महिलाएं आपस में बात करते हुए एक दूसरे का  दुख सुख बांटने की कोशिश कर रही थी। बृद्धाश्रम जहां पर सब एक ही जैसे तो थे सब को उनके अपनों ने ही धोखा दिया था। उसी कमरे के एक कोने में बेड पर अकेली बैठी वो अपने अतीत की यादों में खोई हुई थी। कमरे की खिड़की से बाहर झांकती उसकी आंखें, जो उम्र के असर से नहीं बल्कि हालातों की मार और जीवन के सफ़र की थकावट की वजह से समय से पहले बूढ़ी हो गई थी, अपने अतीत को याद करके उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे। तभी राधिका जी ने पीछे से आकर कहा घर की याद आ रही है सीमा? अपने आंसू पोंछते हुए सीमा ने कहा नहीं.... नही तो.... राधिका जी सीमा से उम्र में बड़ी थी लेकि...

रुद्राष्टक का हिंदी में अर्थ

         🙏🙏🙏   नमामीशमीशान निर्वाणरुपं ।                                           विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।।                                             निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।                                          चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।।                                                                                                          ...

दहेज प्रथा

  मां के आंचल की कली, ममता की छांव में पली। सपनो के आंगन में, पापा की उंगली पकड़ कर चली। भाई के संग खेली , बहन की सच्ची सहेली। आंखों में सपने दिल में अरमान लिए, जाने कितनी जल्दी बड़ी हुई। माता पिता की जान थी जो घर आंगन की शान थी वो, डोली में बैठ आज विदा हो चली। बनी वो रौनक किसी और के घर आंगन में, किया समर्पण तन और मन से। कुछ दिन ससुराल में बड़े प्यार से रही जो, बाद में  मार और ताने सही वो। नहीं मिला चैन इतने से भी उन दरिंदों को, आखिर एक दिन दहेज की आग में जली वो। रोता छोड़ चली परिवार और सहेली , बन गई उसकी जिंदगी एक पहेली। खोया एक मां बाप ने अपने जिगर का टुकड़ा, लेट कर अर्थी पर दुनिया से चली वो। क्यों नहीं मिटती ये दहेज प्रथा, जो है हर लड़की की व्यथा। यही है समाज का सच , ना समझना इसको कथा।।

अनोखा प्यार

                     ऑफिस बन्द हो गया था सब अपने - अपने घर जाने की जल्दी में आपस में बातें करते हुए बाहर निकल रहे थे, इस भीड़ में शांत सी दिखती शिया बाहर निकली, उसके चेहरे को देख कर साफ़ पता चल रहा था कि वो अपने मन में दुखों का कितना बड़ा समंदर समेटे हुए थी । अभी वो बाहर निकली ही थी कि, किसी की आवाज आई शिया ..वो चौंक कर पीछे मुड़ी सामने राघव खड़ा था , राघव और शिया कॉलेज में साथ पढ़ते थे, पांच दोस्तों का ग्रुप था उनका, कॉलेज ख़तम होने के बाद आज उन लोगों की मुलाकात हुई थी। थोड़ी सी बातें करने के बाद राघव ने कहा चलो घर चलते है में तुम्हे घर छोंड़ देता हूं।                                  राघव  भी उस तरफ ही जा रहा था। रास्ते में  राघव ने कई बार शिया से पूछा कि सब ठीक तो है ना क्योंकि शिया को देखकर उसे लग रहा कि वो बहुत परेशान है , जो लड़की हर समय बोलती रहती थी कितना खुशमिजाज थी वो आज बिल्कुल चुप थी, लेकिन हर बार शिया ने सब ठीक है कहकर उस...