आज हमने एक पवित्र आत्मा को देखा, उससे मिलकर लगा, उसके रूप में परमात्मा को देखा। ना बंगला, ना बड़ी गाड़ी, ना ढेर सारा पैसा, पर था वो बिल्कुल फरिश्ते जैसा। ना थी फिक्र जिसे समाज और अपनी खुशियों की, उसे थी फिक्र सिर्फ उस औरत की खुशियों की। हालात और समाज ने, ला खड़ा किया था जिसे सड़क ...
पुष्प वाटिका हमारे एहसासों की दुनिया... हमारी स्वरचित कहानियां, कविताएं, शायरी, धार्मिक और ऐतिहासिक कहानियां....
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