औरत तेरी यही कहानी ,
अपने घर में रानी,
ससुराल में नौकरानी।
मां कहती थी बिटिया रानी ,
सासू मां कहती है महारानी ।
जानवर में और तुझमें कुछ तो है फर्क ,
वो रहता है फिर भी सुकून से,
तेरी जिंदगी तो है नर्क ।
पूजा करो पति कि वो है परमेश्वर,
क्या इस दुनियां में कहीं नहीं है ईश्वर ,
भेज दिया जिन्होंने तुझे इस दुनियां में लक्ष्मी बनाकर,
क्या वो अब नहीं देखते ,
तेरे पति तुझे रोज जानवरों की तरह पीटते ।
वो भी कहते हैं जाकर मर जा कलंकिनी ,
जिनकी है तू जीवन संगिनी ।
सासू मां कहती हैं कि तू है मनहूस ,
क्योंकि उन्हें नहीं मिली है दहेज रूपी घूस ।
किस्मत लिखवाते समय क्या तू रही थी सो ,
यही है अब तेरी किस्मत जिंदगी भर रो ।
बनने जा रही है तू मां ,
खुशियां नहीं अपनी खैर मना ,
बेटा हुआ तो तू है बहूूरानी ,
नहीं तो बेटी के साथ देनी होगी तुझे ,
अपनी जान की भी कुर्बानी ।
औरत तेरी यही कहानी ।।
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