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अपना जहां

 

        आओ बनाएं एक जहां इतना प्यारा,

        प्यार ही प्यार हो जहां ढेर सारा।

       सपनों सी सुंदर हो सबकी दुनियां,

       बसती हों जिसमे सिर्फ खुशियां ही खुशियां।

      ना हो कोई बंधन झूठी कसमों का,

     ना हो कोई बोझ झूठी रस्मों का।

     ना रहे किसी को किसी से कोई शिकवा गिला

     बढ़ता रहे प्यार और चाहत का काफिला।

     ना हो दिलों में झूठ का मैल,

     ना खेले कोई प्यार का खेल।

     बसता हो दिलों में सच, 

    फैलती रहे सच्चाई की बेल।

    जो जिससे मिले प्यार से मिले,

    ये जहां प्यार से प्यारा लगे।

    समझे सभी सबको सपना,

    पूरा हो जाए अपना सपना।

    हो यह जहां इतना खूबसूरत,

   सबको रहे सबकी जरूरत।

   सब चाहें हमारे जहां में रहना,

   इतने प्यारे जहां का क्या है कहना।

   क्षमा, दया, प्यार, त्याग और सम्मान रहे जहां,

  छल, कपट, झूठ, और अभिमान ना टिके यहां।

  सच्चाई और अच्छाई बसती हो जहां ,

   ऐसा हो हमारा जहां।

  ना सताए कोई किसी को,

  सब बन जाएं एक दूसरे का सहारा,

  हमारा जहां हो सारे जहां से न्यारा।

  आओ बनाएं एक जहां इतना प्यारा,

  प्यार ही प्यार हो जहां ढेर सारा।।

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