कहते हैं कि वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता बदलता रहता है, कभी अच्छा तो कभी बुरा वक्त सबका आता है। ऐसे ही हुआ था मि. सिंह के साथ जो बुरे वक्त की मार झेल रहे थे। मि. सिंह का दर्द किसी से छुपा हुआ नहीं था। मि. सिंह जो कभी एक बड़ी जायदाद और बड़ी हवेली के मालिक हुआ करते थे, आज अपनी 75 वर्षीय बूढ़ी मां के साथ किराए के घर में रहने को मजबूर थे। ये उनका बुरा वक्त ही तो था कि जो खुद कभी दूसरों का न्याय किया करते थे आज वो खुद न्याय के लिए दर बदर भटक रहे थे। आज सुबह ही मि. सिंह के पड़ोसी और मित्र शर्मा जी ने उनसे कहा था कि अपनी नई जिलाधिकारी जी बहुत दयालु और न्यायप्रिय है एक बार उनके पास जाकर मिल लो वो आपकी मदद जरूर करेंगी। शर्मा जी की बात मानकर न्याय की आस लगाए मि. सिंह जिलाधिकारी जी से मिलने के लिए घर से निकले.... आज भी वो दिन कोई नहीं भूला होगा जब मि. सिंह के घर बेटे का जन्म हुआ था। उनकी हवेली में खुशियां ही खुशियां थी, इस अवसर पर उन्होंने बहुत बड़ी दावत दी थी, गरीबों को बहुत सा दान भी दिया था, और अपनी खुशी और प्यार जाहिर करने के लिए उपहार स्वरूप अपनी आधी जायदाद अपने बेटे के नाम पर कर दी। मि. सिं...