🙏 सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते🙏 सभी प्रकार के मंगल को करने वाली शिव स्वरूपा देवी तुम है शरण ग्रहण करने योग्य हो, तीन नेत्रों वाली(भूत,भविष्य,और वर्तमान को देखने वाली) माता गौरी भगवान के सभी स्वरूपों के साथ आप जुड़ी हो हे माता जी आपको नमस्कार है🙏🙏🙏 🙏 या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमसतस्यै नमसतस्यै नमसतस्यै नमो नमः🙏 जो देवी सभी मनुष्यों में शक्ति रूप में स्थित है उनको नमस्कार है उनको नमस्कार है उनको बारंबार नमस्कार है🙏🙏 🙏 🙏 ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी द...
पुष्प वाटिका हमारे एहसासों की दुनिया... हमारी स्वरचित कहानियां, कविताएं, शायरी, धार्मिक और ऐतिहासिक कहानियां....